नई दिल्ली, 5 सितंबर: डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा को लागू करने और आम जनता के राजनीतिक कानूनी और समाजिक अधिकारों के लिए नई राजनैतिक पार्टी “इंडिया प्रजा बंधु पार्टी” का गठन किया गया है, जहां सभी को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।इंडिया प्रजा बंधु पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. रंजीत ओफिर के अनुसार आईपीबीपी  सभी लोगों के लिए समानता के सिद्धांत के आधार पर लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष  और समाजवादी राज्य बनाने के लिए समर्पित है। डॉ. रंजीत को पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में इंडियन प्रजा बंधु पार्टी राष्ट्रीय राजनीति के शीर्ष पर उभर कर आएगी।

आईपीबीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार हम आगामी विधानसभा और संसदीय़ चुनाव लड़ेंगे।

इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले वरिष्ठ सदस्यों में श्री रंजाला नोबेल (राष्ट्रीय महासचिव), श्री ए. विजया भास्कर ( सचिव), श्री टी. नरसिम्हाउलु (राष्ट्रीय खजांची), डॉ. अरुण कुमार (तेलंगाना राज्य के अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता), डॉ. के. बलैया (अध्यक्ष-आंध्रप्रदेश), श्री वाई. अब्बुलु (आईपीबीपी के वरिष्ठ नेता), कैप्टन वेंकटेंश बाबूराव (अध्यक्ष-तमिलनाडु राज्य) और श्रीमती शीबा परवीन (राष्ट्रीय महिला सचिव) और देश भर से आए 50 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे।

इंडिया प्रजा बंधु पार्टी के सिद्धांत

1.इंडियन प्रजा बंधु पार्टी आंबेडकर की विचारधारा को लागू करने और जातिविहीन समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

  1. इसके अलावा इंडिया प्रजा बंधु पार्टी देश में स्वस्थ माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां धर्म के नाम पर किसी तरह की हिंसा या घृणा न हो।
  2. इंडिया प्रजा बंधु पार्टी भारत में एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां धर्म के नाम या किसी अन्य तरीके से कोई रेप की वारदात न हो
  3. इंडिया प्रजा बंधु पार्टी विशेष रूप से महिलाओं के आदर, सम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा के प्रति समर्पित है।
  4. मनुवाद के खिलाफ संघर्ष करते हुए इंडिया प्रजा बंधु पार्टी की सवर्ण जातियों के प्रति नफरत फैलाने और उनके खिलाफ काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
  5. इंडिया प्रजा बंधु पार्टी का मजबूती से मानना है कि सभी भारतीय समान हैं।
  6. इंडिया प्रजा बंधु पार्टी वैज्ञानिक और शैक्षणिक व्यवस्था एवं राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हर भारतीय डॉ. बी. आर. आंबेडकर की तरह सोचनेके लिए उचित ढंग से शिक्षित हो और आत्मनिर्भर बन सके।
  7. पार्टी एक ऐसी नीति में विश्वास रखती है, जहां आर्थिक और राजनैतिक ताकतों का विक्रेंदीयकरण सुनिश्चित हो। पार्टी भारतीय संविधान की भावना और गारंटी के अनुरूप भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के सभी प्रयास करेगा। पार्टी संसद, विधानसभा, हाउस कांउसिल की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाना सुनिश्चित करेगी। पार्टी किसी भी उम्मीदवार को दो बार से ज्यादा चुनाव लड़ने और 10 साल से ज्यादा किसी भी व्यक्ति को संस्थान, संसद, विधानसभा और काउंसिल में पद पर काबिज रहने इजाजत नहीं देगी।
  8. पार्टी दूसरी पंक्ति के नेताओं को हर चरण में स्टेज पर लाना सुनिश्चित करेगा, जिससे पार्टी या संगठन में नेतृत्व का किसी भी समय कोई संकट न हो। पार्टी महिलाओं और समाज में वंचित और उपेक्षित वर्गों में शिक्षा, प्रशिक्षण और राजनैतिक जागरूरता को बढ़ाना चाहता है। यह पार्टी महिलाओं के खिलाफ हिंसा और किसी भी तरह आपराधिक गतिविधियों को हतोत्साहित करता है और हमेशा महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करता है।

इंडिया प्रजा बंधु पार्टी (आईपीबीपी) के बारे में

आईपीबीपी एक राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी है, जो भारतीय चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड है। पार्टी आंबेडकर की नीतियों को लागू करेगी और भारत में जातिहीन समाज की स्थापना करेगी। पार्टी समाज में हर किसी व्यक्ति के लिए समानता के सिद्धांत का पालन करेगी और सभी तरह के भेदभाव को दूर करने का प्रयास जारी रखेगी, जिससे सभी को रहने के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में मदद मिल सके। इससे सभी को सम्मानजनक ढंग से रहने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने में मदद मिले। आईपीबीपी सभी राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है।

इंडिया प्रजा बंधु पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष के बारे  में  

डा. अदनकी रंजीत ओफिर मूल रूप से देशभक्त भारतीय है, जो अपने देश से बहुत प्यार करते हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक हैं, जो हैदराबाद में इलेक्ट्रॉनिक  कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में काम करते हैं। 1980 में उन्होंने एकता, शांति और सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश फैलाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। उनकी महत्वाकांक्षा और जीवन का लक्ष्य भारत को दुनिया में सुपरपावर के रूप में देखना है। उनका विजन पूरे भारत को एक परिवार के रूप में देखना और सौहार्दपूर्ण वातावरण को फैलाना है। डॉ. रंजीत सौहार्दपूर्ण भाईचारे में मजबूती से विश्वास रखते हैं।डॉ. रंजीत ओफिर का मानना है कि धार्मिक आस्था व्यक्तिगत मुद्दा है। कोई भी व्यक्ति अपने विवेकाधिकार से ही धर्म बदल सकता है। किसी को भी किसी का धर्म बलपूर्वक बदलने का कोई अधिकार नहीं है। किसी को भी किसी का धर्म और आस्था बदलवाने का कोई अधिकार नहीं है।डॉ. रंजीत का दृढ़ता से मानना है कि किसी की व्यक्तिगत आस्था पर ध्यान दिए बिना हर भारतीय को उचित ढंग से सम्मान दिया जाना चाहिए और सभी को विकास के समान मौके उपलब्ध कराने चाहिए। डॉ. रंजीत देश भर में सही मायनों में आंबेडकर की विचारधारा का प्रचार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका इस विचारधारा में पूर्ण विश्वास है और वह इस विचारधारा का प्रसार करते हैं। उनका मानना है, सभी धर्म हमें सिखाते हैं कि मौत के बाद नर्क में जाने से कैसे बचा जाए, लेकिन केवल डॉ. बी. आर. आंबेडकर की विचारधारा ही हमें धरती पर भोगे जाने वाले नर्क से बचा सकती है। यह नर्क जाति संबंधी भेदभाव से ही फैलाया जाता है।

 जैसा कि डॉ. आंबेडकर ने कहा था, हम अपनी जाति व्यवस्था की बुनियाद पर न तो राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं और न ही कोई नैतिक मानक बना सकते हैं। इसलिए डॉ. रंजीत ओफिर ने जातिहीन भारत के निर्माण के प्रति खुद को समर्पित किया है, जहां सभी भारतीयों को उनकी जाति या धर्म को देखे बिना समान रूप से सम्मान दिया जाए।डॉ. रंजीत ओफिर डॉ. बी. आर. आंबेडकर की तरह मानते हैं कि मनुवाद सभी कठिनाइयों और रुकावटों की जड़ है और भारत के विकास में भी रोड़ा है। समानता की मूल विचारधारा के साथ डॉ. रंजीत ओफिर ने एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी (इंडिया प्रजा बंधु पार्टी) बनाई है। वह समाज के सभी वर्गों के लोगों और सभी धर्मों के दबे और कुचले हुए लोगों के विकास और उनका रहन-सहन ऊपर उठाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, जिससे सुनहरे भारत का निर्माण किया जा सके।

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