नई दिल्ली:मोहम्मद अजहरुद्दीन और अनिल कुंबले के कैरियर को अजीत वाडेकर के मैनेजर कम कोच रहते हुए नई ऊंचाई मिली थी. भारतीय क्रिकेट के दिग्‍गज क्रिकेटर वाडेकर के निधन पर इन दोनों पूर्व क्रिकेटरों ने गहरा दुख जताते हुए उन्‍हें ‘पितातुल्य’ बताया है. मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर ने वाडेकर को याद करते हुए अपने संदेश में कहा कि भारत के पूर्व कप्तान का उन पर गहरा प्रभाव था. भारत को 1971 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत दिलाने वाले वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद कल मुंबई में 77 बरस की उम्र में निधन हो गया.

वाडेकर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘अजित वाडेकर सर के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी हूं. 90  के दशक में हमसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में उन्होंने सूत्रधार की भूमिका निभाई. उनकी सलाह और मार्गदर्शन के लिये हम सदैव उनके आभारी रहेंगे. ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे.

भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर, कप्तान और कोच अजीत वाडेकर का मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया है. वे 77 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार थे.अजीत वाडेकर ने वर्ष 1966 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. उन्होंने कुल 37 टेस्ट मैचों में 2000 से अधिक रन बनाए.

भारतीय टीम ने इंग्लैंड को इग्लैंड में हराने का कारनामा पहली बार 1971 में किया और अजीत वाडेकर ही उस टीम के कप्तान थे.अपने 1971 के इंग्लैंड दौरे को याद करते हुए वाडेकर ने बीबीसी से कहा था, “उस समय भी हमारे पास अच्छे तेज़ गेंदबाज़ नहीं थे और तब स्पिन गेंदबाज़ी और नज़दीकी फील्डिंग ने अच्छी भूमिका निभाई थी.”

अजीत वाडेकर का कहना था कि उस दौरे पर जेफ्री बॉयकॉट का एक नज़दीकी कैच छूट जाता तो उसके बाद शायद वो दोहरा शतक बना देते.

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