उरुग्वे के पूर्व राष्ट्रपति होज़े मुहिका को दुनिया का ‘सबसे ग़रीब राष्ट्रपति’ कहा जाता है. इसकी वजह उनकी बेहद साधारण जीवनशैली है. राजनीति से रिटायर होने के बाद उन्होंने पेंशन लेने से भी इनक़ार कर दिया.राष्ट्रपति पद के बाद मुहिका साल 2015 से उरुग्वे की संसद में सिनेटर भी रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने टर्म पूरा होने से पहले ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. 83 साल के मुहिका ने कहा कि वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे क्योंकि इस लंबी यात्रा से वे थक चुके हैं.मुहिका ने सिनेट की अध्यक्षा और उप-राष्ट्रपति लुसिया तोपोलांस्की को अपना इस्तीफ़ा पहुंचाया, जो उनकी पत्नी भी हैं.

इस्तीफ़े में उन्होंने लिखा कि उनकी वजहें निजी हैं.वामपंथी मुहिका ने इस्तीफ़े में लिखा, “फिर भी जब तक मेरा दिमाग काम कर रहा है, मैं एकता और विचारों की जंग से इस्तीफ़ा नहीं दे सकता.राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने विशाल राष्ट्रपति भवन में रहने से इनकार कर दिया था.तब से अब तक वो और उनकी पत्नी राजधानी मोंटेवीडियो के बाहरी इलाके के एक फार्म हाउस में रहते थे. दोनों पति-पत्नी विद्रोही ग्रुप का हिस्सा भी रहे हैं.

राष्ट्रपति काल के दौरान उन्होंने अपनी अधिकांश तनख़्वाह दान कर दी थी. साल 2010 में राष्ट्रपति बनने के बाद उनके पास सिर्फ़ एक संपत्ति थी- 1987 फ़ोक्सवैगन बीटल कार.हल्के नीले रंग की उनकी कार इतनी प्रसिद्ध हुई कि साल 2014 में किसी ने इसे खरीदने के लिए उन्हें 10 लाख डॉलर का ऑफ़र भी दिया. लेकिन उन्होंने मना कर दिया. उन्होंने तब कहा था कि इस कार के बिना वह अपने कुत्ते को कहीं नहीं ले जा पाएंगे.मुहिका का इस्तीफ़ा अचानक नहीं आया. उन्होंने पहले ही कह दिया था कि 3 अगस्त को वो संसद में आख़िरी बार आएंगे.

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