जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आयोजित ग्रामीण पर्यटन के अवसर पर पूरा परिसर ग्रामीणमय हो गया। पारंपिक पोशाकों में आए छात्रों,अध्यापकों और अयोजकों ने मिट्टी और काठ के बरतनों में देश के जगह जगह के ठेठ पकवानों का लुत्फ उठाया। जेएमआई में ग्रामीण पर्यटन पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्टीय सम्मेलन के मौके पर पूरा परिसर ग्रामीण रंग में रंग गया। सम्मेलन के पूरे इलाके को रंग बिरंगी साड़ियों, पंतगों, बेंत की टोकरियों और लालटेंनों से सजाया गया था। जेएमआई के ट्यूरिज़्म एण्ड हास्पिटैलिटी मैनेजमेंट विभाग ने इसका आयोजन किया है।
ग्रामीण उद्योंगों को पेश आ रही चुनौतियों को हल करने के लिए ग्रामीण पर्यटन से जुड़े निति निर्धारकों, उद्यमियों और अकादमिक लोगों ने ‘ एसोसिएशन फार रूरल ट्यूरिज़्म इन इंडिया ‘ :एआरटीआईः गठित करने का फैसला किया। भारत सरकार के पर्यटन महानिदेशक सत्यजीत राजन ने इसका उद्घाटन किया।इस मौके पर सांस्कृति संध्या का आयोजन हुआ जिसमें कथक, और क्षेत्रीय नृत्यों का प्रदर्शन हुआ।
‘जामिया गांव‘ में विदेशों से आए प्रतिनिधियों के लिए कल योग का सत्र भी रखा गया है। इस सम्मेलन का अयोजन भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने किया है। सम्मेलन का उद्घाटन पर्यटन मंत्रालय के पूर्व सचिव विनोद ज़ुत्शी और पूर्व अतिरिक्त सचिव नागेश सिंह ने किया।विशेषज्ञोंने सम्मेलन में कहा कि ग्रामीण पर्यटन सालाना 4300 करोड़ रूपयों का अतिरिक्त राजस्व मुहैया करा सकता है।