भोपाल : मध्यप्रदेश के मंदसौर में 7 साल की स्कूली बच्ची का रेप के बाद हत्या करने के मामले में अदालत ने आरोपी इरफान और आसिफ को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस मामले में 56 दिनों में ट्रायल पूरा कर आरोपियों की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि इस मामले में 15 सेकेंड के सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस ने वारदात को लगभग 24 घंटे के भीतर ही सुलझा लिया था और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा नहीं बल्कि दो अहम सुरागों की भूमिका सबसे ज्यादा रही थी और वो आरोपी के जूते और हाथ में बंधा काला धागा थी.
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पुलिस को 27 जून दोपहर लक्ष्मण दरवाजा के पास से बच्ची घायल हालात में मिली थी. इसके बाद पुलिस ने सुराग तलाशने के लिए वहां की सीसीटीवी खंगाले लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. पुलिस ने फिर सोशल मीडिया के जरिण् लोगों से मदद मांगी. शहर में कई ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने-अपने फ़ुटेज जाकर पुलिस कंट्रोल रूम में सौंपे.
तभी एक सब इंस्पेक्टर को स्कूल से 150 दूर एक दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध दिखा.
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ये पहला सुराग था, लेकिन फुटेज बहुत साफ नहीं थी. हालांकि एक सुराग मिल गया संदिग्ध के जूतों का ब्रांड और हाथ में बंधा काला धागा. पुलिस ने एक बार फिर आरोपियों की पहचान पता करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. सीसीटीवी क्लिप को वायरल किया गया ताकि कोई उसे पहचान ले. एसआईटी टीम ने फुटेज में देखा कि आरोपियों ने नाइकी के नये जूते और हाथ में काला धागा बंधा रखा था. फुटेज वायरल करने के बाद मुखबिर ने पुलिस को बताया कि एक आरोपी इरफान हो सकता है. इसके बाद पुलिस ने उसके बैकग्राउंड के बारे में पता किया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया. जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उस वक्त भी उसके पैरों में वो जूते और हाथ में धागा था.