वर्तमान जग में विभिन्न आयुके लोग कामसे जुडी हुई स्वास्थ्य समस्याओ को लेकर त्रस्त है | उनको कई बार पाँव के जोड़, मांसपेशी और गर्दन के दर्द सताते रहते है | काम करनेवाले लोगोंके वर्गमे जीवनशैली को लेकर होने वाले व्याधीयोंका प्रमाण ज्यादा है | उसमे अगर समय पर सुधार नही किया गया तो ऑफिस जाने वाले लोगोंकी जीवनशैली उनके लिए काफी मात्रा में खतरनाक हो सकती है |

काम जी जगह आनेवाली कुछ नियमित समस्याए इस प्रकार है :

  • पीठ का दर्द: आम तौर पर बैठनेका सदोष अंदाज, टेढ़ा बैठना और बैठने की जगहसे बीच बीचमें शरीर को आराम देने हेतू ना उठते हुए लम्बे समय तक एक ही जगहपे बैठे रहना ऐसे कारणोंसे पीठ में दर्द होने लगता है | .
  • कलाई का दर्द:ज्यादा टायपिंग करनेसे कलाई में दर्द होने लगता है | हात और उँगलीयोंको वही स्थान में रखते हुए बार बार उसी प्रकार इस्तेमाल करने से कलाई झुनझुना जाती है | हाथ, कलाई और उँगलीया सुन्न होती है |
  • कमजोर मांसपेशी:शरीरकी हलचल कम होनेसे हाथ, पैर और पीठ की मांसपेशीयाँ कमजोर हो जाती है |
  • आँखोंकी थकान:कॉम्प्यूटर स्क्रीन और फोन की तरफ लगातार देखनेसे आँखोंको थकान महसूस होती है |

तने हुए गर्दन से आपके कॉम्प्यूटरका मॉनिटर देखते रहना, कंधोको झुकाके कीबोर्डपर टाईप करना अथवा ८ घंटेके काम में टेढ़ा बैठके काम करने जैसे कई कारणोंसे पीठ या गर्दन में वेदना हो सकती है | गलत तरीकेसे काम की जगह पर बैठना और ऑफिसकी जगह तथा फर्निचर की गलत व्यवस्था इनकाबुरा प्रभाव जीवन पर आके वो एक गंभीर रोगोंका रूप ले सकता है |

कोई भी संस्था तथा उसके कर्मचारी नीचे दिये गए कुछ उपायोंका प्रयोग करे तो इनमे से कई समस्याओंका सहज इलाज हो सकता है :

  • अपनी खुद की सुविधा नुसार ऊँचाई कम या ज्यादा हो सकती हो ऐसी कुर्सी का इस्तेमाल करना | कुर्सी के हाथ मुलायम हो जिससे हमे चोट ना पहुँचे | कुर्सी के निचले वाला हिस्सा पीठ को आधार देनेवाला हो ताकी बाद में होनेवाले पीठदर्दको टाला जा सके |
  • अगर आप काम करते वक्त बारबार फोन का उपयोग करनेवाले है तो आपके गर्दन और सरके बीच में फोन पकड के बोलने के बजाय सुनने बोलनेके लिए एक हेडसेट का उपयोग करे | उससे गर्दन और सर के दर्द को प्रतिबंध लगाया जा सकता है |
  • आपका शरीर कॉम्प्यूटरके बिलकुल आगे हो | सीधा बैठिये और स्क्रीन की ऊपरवालीबाजू आपके आँखोंके ठीक थोडीसी नीचे आने दे | ये होगा बैठने का सही तरीका और आपको मांसपेशीयोंकी वेदना का अनुभव नही होगा |

 

काम की जगह पे आवश्यक बदल करने के बाद अपना शरीर स्वस्थ रखने के लिए कुछ कल्पनाए ध्यानमें रखनी चाहिये :

  • काम के बीच हर दो घंटे में रुककर खुद को एक छोटासा आराम दे, थोड़ासा चले, इधर उधर टहले, पाँवो को खीचकर थोड़ीसी कसरत कराए. उससे आपके हात पैर तथा आँखोंको अत्यावश्यक आराम मिलेगा |
  • आपकी मांसपेशीयोंका काम ठीक से चलनेके लिए तथा शरीर तंदुरुस्त रखने के लिये नियमित रूप से कसरत करे | मांसपेशीयोंके दर्द पर काबू पाने के लिए हाथ पैर को तानकर की जाने वाली कसरत या योगासन करे |
  • आपके शरीर को आवश्यक सब पोषक तत्त्व ठीक तरह से मिले इसलिये संतुलित आहार कीजिये | पर्याप्त पानी बार बार पीते रहिये | उससे आपकी जंकफूड खानेकी इच्छा कम हो सकती है |
  • बेकार तनाव टालनेके लिये नींद का नियोजन अच्छी तरह से करे | लगातार काम करने के बाद आपके शरीर को नींद की बहुत आवश्यकता होती है | नींद लेने के घंटे कम ना होने दे |
  • अगर किसी समस्या का समाधान नही हुआ या वेदना कम नही हुई तो तुरंत डॉक्टरसे संपर्क कीजिये|

इस लेख का योगदान दिया है श्रीम. कांचन नायकवडी इन्होने | वह इंडस हेल्थ प्लसकी संचालिका तथा प्रतिबंधात्मक स्वास्थ्यसेवा तज्ज्ञ है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here