ईरान के अहवाज़ शहर में शनिवार को सैन्य परेड के दौरान हुए हमलों के बाद गिरफ़्तारियों का सिलसिला जारी है.ईरान के ख़ुफ़िया महकमे के मंत्री महमूद अलावी ने इसकी तस्दीक करते हुए कहा है कि हमले के लिए ज़िम्मेदार ‘संगठन के बड़े हिस्से’ की गिरफ़्तारी हुई है.मंत्रालय के हवाले से जानकारी दी गई है कि शनिवार की परेड पर हुए हमले के मामले में 22 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.एक अधिकारी के हवाले से जानकारी दी गई है, “हथियार और संवाद के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए गए हैं.”हमले के बाद ईरान ने सीधे तौर पर तो किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामनेई ने कहा है कि ‘अमरीका की कठपुतलियां’ ईरान में डर पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.जिस सैन्य परेड पर शनिवार को हमला हुआ वो ईरान के ताक़तवर रिवॉल्यूशनरी गार्ड की थी जो दरअसल मुल्क के निज़ाम की हिफ़ाजत का काम करती है.इस बीच रिवॉल्यूशनरी गार्ड के उपप्रमुख ने शनिवार के हमले के लिए अमरीका और इसराइल पर इल्ज़ाम लगाते हुए अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है.ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने भी कहा कि हमलावरों को खाड़ी के एक देश और अमरीका का साथ हासिल था. उनका इशारा सऊदी अरब की तरफ़ था.हालांकि अमरीका ने इस घटना की निंदा की है और ईरान के इल्ज़ाम को ख़ारिज किया है.
साल 1980-88 के इराक़-ईरान युद्ध से जुड़े सालाना कार्यक्रम के मौक़े पर खुज़ेस्तान सूबे की राजधानी अहवाज़ में एक सैन्य परेड का आयोजन किया गया था.

परेड के दौरान सैन्य वर्दी पहने चार बंदूकधारियों ने हमला किया. हमलावरों के निशाने पर रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जवान, परेड देख रहे लोग और अधिकारी थे.इस हमले में मारे गए लोगों में कम से कम आठ रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जवान थे. अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं और बच्चों की भी मौत हुई है.सोमवार को इस हमले में मारे गए लोगों का जनाजा निकला जिसमें हज़ारों लोग ‘हम आख़िर तक लड़ेंगे’ और ‘चरमपंथ का बहिष्कार’ करने वाली तख़्तियां लिए शामिल हुए.ये फ़ौज क़ानून और व्यवस्था लागू करने में मदद करती है. इसका साथ आर्मी, नौसेना और वायुसेना भी देती है.वक़्त के साथ रिवॉल्यूशनरी गार्ड ईरान की फ़ौजी, सियासी और आर्थिक ताक़त बन गई.माना जाता है कि रिवॉल्यूशनरी गार्ड में फ़िलहाल सवा लाख जवान हैं.इनमें ज़मीनी जंग लड़ने वाले सैनिक, नौसैना और हवाई दस्ते हैं. ईरान के रणनीतिक हथियारों की निगरानी का काम भी इन्हीं के ज़िम्मे है.रिवॉल्यूशनरी गार्ड की कमान ईरान के सर्वोच्च नेता के हाथ में है. सर्वोच्च नेता देश के सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर भी हैं.

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